8. उषा - भाषा की बात। usha bhasha ki baat
1. कविता से संयुक्त क्रियाओं को चुनें।
उत्तर- कविता में प्रयुक्त संयुक्त क्रियाएँ निम्नलिखित है-
लीपा हुआ
धुल गई
मल दी हो
हिल रही हो
हो रहा है
2. निम्नलिखित शब्दों से वाक्य बनाएँ-
नभ, राख, चौका, देह, उषा।
नभ = नभ में तारे चमक रहे हैं।
राख = मेरी माँ राख से चौका लगाती है।
चौका = जूते पहनकर चौके में मत आना।
देह = मानव देह को संंत कबीर ने पानी के बुलबुले के समान क्षणभंगुर बताया है।
उषा = हमें उषा काल में ही टहलने के लिए निकलना चाहिए।
3. उत्पत्ति की दृष्टि से इन शब्दों की प्रकृति बताएँ-
नीला, शंख, भोर, चौका, स्लेट, जल, गौर, देह, जादू, उषा।
उत्तर- उत्पत्ति या स्रोत के आधार पर शब्दों के चार भेद होते है-
1) तत्सम = वे शब्द जो संस्कृत के है।
2) तद्भव = वे शब्द जो हिंदी के है।
3) देशज = वे शब्द जो देश के अन्य भाषा के है।
4) विदेशज = वे शब्द जो विदेशी भाषा के है।
शब्द- शब्द के प्रकार
नीला- तद्भव
शंख- तत्सम
भोर- तद्भव
चौका- तद्भव
स्लेट- विदेशज
जल- तत्सम
गौर- तत्सम
देह- तद्भव
जादू- तद्भव
उषा- तत्सम
4. कविता में प्रयुक्त उपमानों को चुनें।
उत्तर- कविता में निम्नलिखित उपमानों का प्रयोग हुआ है-
नीला शंख
राख से लीपा हुआ चौका
काली सिल जरा से लाल केसर से
स्लेट पर या लाल खड़िया चाक
नील जल में या किसी की गौर झिलमिल देह आदि।
5. सूर्योदय का संधि-विच्छेद करें।
उत्तर- सूर्य + उदय = सूर्योदय। (अ+उ=ऐ) वृद्धि स्वर संधि।


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