छप्पय भाषा की बात । Chhapay Bhasha ki baat
छप्पय भाषा की बात । Chhapay Bhasha ki baat
1. निम्नलिखित शब्दों के विपरीतार्थक शब्द लिखें-
तुच्छ - महान
हित - अहित
पक्षपात - निष्पक्षता, तटस्थता
गुण - अवगुण, दोष
उक्ति - अनुक्ति
2. वाक्य प्रयोग द्वारा इन शब्दों का लिंग निर्णय करें-
उत्तर -
वचन ( पु० ) - महापुरुषों के वचन हितकारी होते हैं।
मुख्य (वि.) - गांधीजी का मुख्य कार्य हरिजन सेवा था।
यज्ञ (पु.) - राजा जनक के धनुष यज्ञ में अनेक भूप आए थे।
अर्थ (पु) - कविताओं का अर्थ सरल तथा सहज है।
कवि (पु.) - वे एक अच्छे कवि हैं।
बुद्धि (स्त्री.) - न जाने क्यों उनकी बुद्धि मारी गयी।
3. विमल में 'वि' उपसर्ग है। इस उपसर्ग से पाँच अन्य शब्द बनाएँ।
उत्तर -
वि + कारी = विकारी
वि + मुक्त = विमुक्त
वि + नाश = विनाश
वि + शाल = विशाल
वि + शेष = विशेष
वि + दग्ध = विदग्ध
वि + हित = विहित
वि + लास = विलास
वि + कल = विकल
वि + वश = विवश
4. पठित छप्पय से अनुप्रास अलंकार के उदाहरण चुनें।
उत्तर - अनुप्रास अलंकार -
सो सब
योग यज्ञ
सबदी साखी
कबीर कानि
अस्थिति अतिभारी
अर्थ अद्भूत
दिवि दृष्टि
हृदय हरि
सूर कवित सुनि
कौन कवि
ये सब दोनो छप्पयों में अनुप्रास अलंकार के रूप में प्रयुक्त हैं। अतः ये अनुप्रास अलंकार हैं।
5. रसना ( जिह्व) का पर्यायवाची शब्द लिखें
जीभ, जबान, जुबान, जिह्वा, रसज्ञा, रसाला, रसा, रसिका, स्वादेन्द्रिय, रसनेंद्रिय, आदि।


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