1. निम्नलिखित शब्दों के तीन-तीन पर्यायवाची लिखें-
नैन : आँख, नेत्र, नयन
आम : आम्र, रसाल, अंब
चंद्रमा : शशि, राकेश, रजनीश, मयंक
रक्त : खून, रूधिर, प्राणद, लोई
राजा : नरेश, सुल्तान, छत्रपति
फूल : पुष्प, कुसुम, सुमन, गुल
2. पहले कड़बक में कवि ने अपने लिए किन उपमानों की चर्चा की है, उन्हें लिखें।
उत्तर - कवि ने अपने लिए निम्नलिखित उपमानों की चर्चा की है-
चाँद, सुक्र तारा, आम, समुद्र, सुमेरू-पर्वत, घरिया, सोना, दर्पण आदि।
3. निम्नलिखित शब्दों के मानक रूप लिखें, जैसे- तिरसूल का त्रिशूल ।
नैन = नयन
दरपन = दर्पण
निरमल = निर्मल
पानि = पानी
नखत = नक्षत्र
पेम = प्रेम
रकत = रक्त
कीरति = कीर्ति
पुरुख = पुरूष
4. दोनों कड़बकों के रस और काव्य गुण क्या हैं?
उत्तर- दोनों कड़बकों में रस- 'शांत रस' और काव्य गुण- 'माधुर्य गुण' है।
5. पहले कड़बक से संज्ञा पदों को चुनें।
उत्तर - पहले कड़बक में प्रयुक्त संज्ञा पद निम्नलिखित है-
नैन, कवि, मुहम्मद, चाँद, जग (संसार), बिधि (विधाता), कलंंक (दाग), सूक (सूक्र तारा), नखतन्ह (नक्षत्र), अंबहि (आम), डाभ (मंजरी), सुगंध, समुद्र, पानि (पानी), सुमेरु, तिरसूल (त्रिशूल), कंचनगिरि, अकाश, घरी (घरिया), कलंंक (कोयला),काँच (कच्चा धातु), कंचन (सोना), दरपन (दर्पण), भाउ (भाव), रूपवंत, मुख (मुँह) आदि।
6. दूसरे कड़बक से सर्वनाम पदों को चुनें।
उत्तर- यहि (यह), जो (जिसने), मकु (मेरा/मुझे), जेइँ (जिसने), केंंइ (किसने), सोइ (वही),कहाँ, कोई, जो, हम आदि।
7. जायसी के 'पद्मावत' और तुलसी के 'मानस' दोनों की भाषा अवधी है। पर दोनों महाकवियों के भाषिक संस्कार भिन्न हैं। यह भिन्नता क्या है?
उत्तर- जायसी के 'पद्मावत' और तुलसी के 'मानस' दोनों की भाषा अवधी है। पर दोनों महाकवियों के भाषिक संस्कार भिन्न हैं क्योंकि जायसी निर्गुण भक्ति धारा के प्रेममार्गी शाखा के कवि हैं। जायसी प्रेमाख्यानक काव्य परंपरा के सर्वश्रेष्ठ कवि हैं। जायसी के 'पद्मावत' अवधी भाषा में है और इसमें प्रेम कथा का वर्णन है इसमें श्रृंगार, शांत आदि रसों का प्रयोग हुआ है।
जबकि 'मानस' जो तुलसीदास रचित है इसकी भाषा भी अवधी है किंतु इसमें भक्ति, वात्सल्य आदि रसों का प्रयोग हुआ है। तुलसीदास सगुण भक्ति धारा के राममार्गी धारा के सर्वश्रेष्ठ कवि हैं। क्योंकि दोनों कवि अलग-अलग भाव धारा के कवि हैं इसलिए दोनों कवियों के भाषा में भिन्नता है।


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